■ सपना छंद का शिल्प विधान ■*सपना छंद*
वार्णिक छंद है जिसकी मापनी और गण निम्न प्रकार से रहेंगे यह दो पंक्ति और चार चरण का छंद है जिसमें 6,8 वर्ण पर यति रहेगी। सम चरण के तुकांत समान्त रहेंगे इस छंद में 11,14 मात्राओं का निर्धारण 6, 8 वर्णों में है किसी भी गुरु को लघु लिखने की छूट है इस छंद में लघु का स्थान सुनिश्चित है। लघु जहाँ है वहीं पर स्पष्ट आना चाहिए। मापनी का वाचिक रूप मान्य होगा।
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यगण मगण
मगण यगण गुरु लघु (गाल)
धरा पे सब जाने,
मानव से हुआ है पाप।
तभी हे मनमोहन,
रूठे तो नहीं प्रभु आप।१।
पुकारे धरती माँ,
चीखें गूँजती हर ओर।
अँधेरा यह कैसा,
दिखती अब नहीं शुभ भोर।२।
भुला दो पापों को,
मिट जाए अँधेरा घोर।
सुनाई देती फिर,
हरक्षण टूटे सपने डोर।३।
करें विनती तुमसे,
रक्षा का निभाओ वचन।
मिटाओ जगती से,
बढ़ती है धुएं से घुटन।४।
उजाले फिर से हों,
खुशियाँ से भरी हो भोर।
हँसी घर-घर गूँजे,
गूँजे हर गली फिर शोर।५।
*अनुराधा चौहान'सुधी'*
चित्र गूगल से साभार
बहुतउजाले फिर से हों,
ReplyDeleteखुशियाँ से भरी हो भोर।
हँसी घर-घर गूँजे,
गूँजे हर गली फिर शोर।५।
..बहुत ही भावपूर्ण प्रार्थना से सजे सुंदर छंद ।सादर शुभकामनाएं आपको ।
हार्दिक आभार जिज्ञासा जी
Deleteप्रभु भी हर बार
ReplyDeleteकरते रहे माफ़
नहीं संभला इंसान
करता रहा अत्याचार
कभी तो देंगे वो भी सज़ा
किसी तरह तो काबू में
शायद लायें वो कज़ा
बार बार देते हैं अवसर
नहीं समझता ये इंसान
फिर भी अक्सर ...
हार्दिक आभार आदरणीया
Deleteबहुत ही अच्छी कविता |सादर अभिवादन |
ReplyDeleteहार्दिक आभार आदरणीय
Deleteबहुत सुंदर।
ReplyDeleteहार्दिक आभार ज्योति जी
Deleteबहुत ही सुंदर प्रस्तुति
ReplyDeleteहार्दिक आभार आदरणीय
Deleteअति सुन्दर सृजन ।
ReplyDeleteहार्दिक आभार अमृता जी
Deleteधरा पे सब जाने,
ReplyDeleteमानव से हुआ है पाप।
तभी हे मनमोहन,
रूठे तो नहीं प्रभु आप
सुन्दर सृजन
हार्दिक आभार मनोज जी
Deleteहार्दिक आभार सखी
ReplyDeleteउत्कृष्ट सृजन।
ReplyDeleteहार्दिक आभार देवेन्द्र जी
Deleteजी बहुत ही सुन्दर विनती। अभी इसकी बहुत आवश्यकता है क्योंकि मानव भयभीत हैं।
ReplyDeleteमैं भी छंद में लिखना चाहता हूँ...और इसे मैं सीख भी रहा हूँ। पर सही मार्गदर्शन की आवश्यकता है। आप कोई ऐसे स्थान की जानकारी दें जिससे मुझे सहायता मिले। या फिर ऐसी कोई किताब जिसका मैं अनुसरण कर सकूं। या कोई और माध्यम हो तो कृप्या आप बताएं...
Deleteहार्दिक आभार प्रकाश जी
Deleteफेसबुक पर कलम की सुगंध छंदशाला पेज से जुड़िए। आदरणीय संजय कौशिक'विज्ञात'जी का समूह है। उनके व्हाट्स ऐप समूह पर छंद सिखाए जाते हैं।
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