Friday, May 7, 2021

सुनो हे मनमोहन

 

 *सपना छंद* 


■ सपना छंद का शिल्प विधान ■ 
वार्णिक छंद है जिसकी मापनी और गण निम्न प्रकार से रहेंगे यह दो पंक्ति और चार चरण का छंद है जिसमें 6,8 वर्ण पर यति रहेगी। सम चरण के तुकांत समान्त रहेंगे इस छंद में 11,14 मात्राओं का निर्धारण 6, 8 वर्णों में है किसी भी गुरु को लघु लिखने की छूट है इस छंद में लघु का स्थान सुनिश्चित है। लघु जहाँ है वहीं पर स्पष्ट आना चाहिए। मापनी का वाचिक रूप मान्य होगा।
122 222
222 122 21
यगण मगण
मगण यगण गुरु लघु (गाल)

धरा पे सब जाने,
मानव से हुआ है पाप।
तभी हे मनमोहन,
रूठे तो नहीं प्रभु आप।१।

पुकारे धरती माँ,
चीखें गूँजती हर ओर।
अँधेरा यह कैसा,
दिखती अब नहीं शुभ भोर।२।

भुला दो पापों को,
मिट जाए अँधेरा घोर।
सुनाई देती फिर,
हरक्षण टूटे सपने डोर।३।

करें विनती तुमसे,
रक्षा का निभाओ वचन।
मिटाओ जगती से,
बढ़ती है धुएं से घुटन।४।

उजाले फिर से हों,
खुशियाँ से भरी हो भोर।
हँसी घर-घर गूँजे,
गूँजे हर गली फिर शोर।५।

*अनुराधा चौहान'सुधी'*

चित्र गूगल से साभार


21 comments:

  1. बहुतउजाले फिर से हों,
    खुशियाँ से भरी हो भोर।
    हँसी घर-घर गूँजे,
    गूँजे हर गली फिर शोर।५।
    ..बहुत ही भावपूर्ण प्रार्थना से सजे सुंदर छंद ।सादर शुभकामनाएं आपको ।

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    1. हार्दिक आभार जिज्ञासा जी

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  2. प्रभु भी हर बार
    करते रहे माफ़
    नहीं संभला इंसान
    करता रहा अत्याचार
    कभी तो देंगे वो भी सज़ा
    किसी तरह तो काबू में
    शायद लायें वो कज़ा
    बार बार देते हैं अवसर
    नहीं समझता ये इंसान
    फिर भी अक्सर ...

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    1. हार्दिक आभार आदरणीया

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  3. बहुत ही अच्छी कविता |सादर अभिवादन |

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    1. हार्दिक आभार आदरणीय

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    1. हार्दिक आभार ज्योति जी

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  5. बहुत ही सुंदर प्रस्तुति

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    1. हार्दिक आभार आदरणीय

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  6. अति सुन्दर सृजन ।

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    1. हार्दिक आभार अमृता जी

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  7. धरा पे सब जाने,
    मानव से हुआ है पाप।
    तभी हे मनमोहन,
    रूठे तो नहीं प्रभु आप


    सुन्दर सृजन

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    1. हार्दिक आभार मनोज जी

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  8. हार्दिक आभार सखी

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    1. हार्दिक आभार देवेन्द्र जी

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  10. जी बहुत ही सुन्दर विनती। अभी इसकी बहुत आवश्यकता है क्योंकि मानव भयभीत हैं।

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    1. मैं भी छंद में लिखना चाहता हूँ...और इसे मैं सीख भी रहा हूँ। पर सही मार्गदर्शन की आवश्यकता है। आप कोई ऐसे स्थान की जानकारी दें जिससे मुझे सहायता मिले। या फिर ऐसी कोई किताब जिसका मैं अनुसरण कर सकूं। या कोई और माध्यम हो तो कृप्या आप बताएं...

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    2. हार्दिक आभार प्रकाश जी

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    3. फेसबुक पर कलम की सुगंध छंदशाला पेज से जुड़िए। आदरणीय संजय कौशिक'विज्ञात'जी का समूह है। उनके व्हाट्स ऐप समूह पर छंद सिखाए जाते हैं।

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