Thursday, January 7, 2021

विद्या बिन जीवन कोरा


 विद्या बिन जीवन है कोरा,
भरलो अपना ज्ञान कटोरा।
विद्या जीवन की सुखदाता,
धन वैभव सब घर में आता।

मूढ़ मनुज की एक कहानी,
जग को समझे वो अज्ञानी।
बात बात पे कलह मचाता,
सच समझ न उसको आता।

विद्या खोले मन दरवाजे,
मात शारदे हृदय विराजे।
ज्ञान पिपासा अंतस जगती,
जीवन यात्रा सुंदर लगती।

विद्या जीवन की हितकारी,
महिमा इसकी मंगलकारी।
शुद्ध आचरण मन में आते,
बैर भाव मन से मिट जाते।

अँधियारा जीवन से जाता।
ज्ञान उजाला मन में छाता।
राह सत्य की सुंदर दिखती।
विद्या जीवन में सुख लिखती॥
©® अनुराधा चौहान'सुधी'स्वरचित
चित्र गूगल से साभार

26 comments:

  1. बहुत सुंदर भाव....
    बहुत सुंदर रचना...

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    1. हार्दिक आभार आदरणीया

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  2. विद्या खोले मन दरवाजे,
    मात शारदे हृदय विराजे।
    ज्ञान पिपासा अंतस जगती,
    जीवन यात्रा सुंदर लगती।..सुंदर अर्थपूर्ण कृति..

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  3. वाह! सुन्दर प्रस्तुति ।

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  4. प्रिय अनुराधा जी,
    विद्या ददाति विनयम्

    संस्कृत का यह श्लोकांश आपकी काव्यपंक्तियों में प्रतिबिंबित हो रहा है।

    बहुत सुंदर एवं सार्थक सृजन है आपका,
    हार्दिक शुभकामनाएं,
    सस्नेह,
    डॉ. वर्षा सिंह

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  5. विद्या खोले मन दरवाजे,
    मात शारदे हृदय विराजे।
    ज्ञान पिपासा अंतस जगती,
    जीवन यात्रा सुंदर लगती।...वाह अनुराधा जी बहुत ही सुंदर प्रस्तुत‍ि ....

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  6. पावन भावों से भरी रचना । सत्य ही विद्या अनमोल है तथा यह परिश्रम एवं लगन से सरस्वती के वरदान के रूप में ही प्राप्त की जानी चाहिए (न कि लक्ष्मी के वरदान के रूप में) । तब ही यह मंगलकारी होती है । सरल किंतु पाठक के हृदय में स्थान बना लेने वाली इस कविता के लिए अभिनंदन आपका अनुराधा जी ।

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  7. बहुत सुंदर और सार्थक सृजन वाह ! बहुत सुंदर कहानी,
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  8. बहुत ही सुंदर सृजन।

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  9. Wow this is fantastic article. I love it and I have also bookmark this page to read again and again. Also check tension quotes

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    1. हार्दिक आभार उमेश जी

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  10. विद्या बिन जीवन है कोरा,
    भरलो अपना ज्ञान कटोरा।
    विद्या जीवन की सुखदाता,
    धन वैभव सब घर में आता। बहुत सुंदर रचना ,सच है विद्या विना जीवन बेकार है ।आदरणीया शुभकामनाएँ ।

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    1. हार्दिक आभार आदरणीया

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  11. बहुत ही सुन्दर व दिव्य भावों से ओतप्रोत मुग्ध करती कविता - - साधुवाद सह।

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    1. हार्दिक आभार आदरणीय

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  12. विद्या बिन सब है सून
    शब्दों से कविता को बुन ।

    खूबसूरत रचना । ब्लॉग पर आने के लिए शुक्रिया ।

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  13. बिलकुल सही कहा आपने मैम, विद्या बिन जीवन कोरा ही है इसलिए तो हमारे संविधान ने भी इसे जीने का अधिकार बना दिया है! बहुत खूबसूरत पंक्ति!
    कृपया हमारे ब्लॉग पर भी आइए और अपनी राय व्यक्त कीजिए आपका हार्दिक स्वागत है🙏🙏🙏🙏

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  14. बिल्कुल सही कहा है आपने अनुराधा जी ,अति उत्तम रचना बधाई हो नमन शुभ प्रभात

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  15. वाह!अद्भुत अनुपम उत्तम👌👌💐💐🙇🙇🙏🙏

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