Tuesday, January 28, 2020

जय माँ शारदे

हे विद्या,बुद्धि दायनी
कृपा का शीश हाथ हो
माँ निर्मला मृदुभाषिणी
वेद की तुम स्वामिनी
हे पंकजा मनभावनी
तुम हंस की हो वाहिनी
हे वागेश्वरी मृगलोचनी
माँ तार वीणा छेड़ दो
हे विद्या,बुद्धि दायनी
कृपा का शीश हाथ हो
हे रागेश्वरी सिद्धेश्वरी
माँ ऐसा तू वरदान दे
गीत छंद तुमसे बने
मन के हर बंधन हटे
ज्ञान का प्रकाश भर दो
माँ वीणा वर दायनी
बसंत की आभा अलौकिक
बाँसुरी की तान हो
हे कमलासना शुभ शोभिता
हस्त पुस्तक धारिणी
हे सौम्यरूप,चिरयोगिनी
करुणामयी माँ शारदा
स्वीकार कर माँ वंदना
सकल सृष्टि एक हो
कृपा का शीश हाथ हो

***अनुराधा चौहान*** ✍️
चित्र गूगल से साभार

Saturday, January 25, 2020

जन्मों का फेरा (माहिया छंद)

चल हट जा ना झूठे
सुन तेरी बातें
हम तुझसे ही रूठे

यह झूठ बहाना है
कर प्यारी बातें
अब घर भी जाना है

क्या बोलूँ मैं छलिए
अब न कटे रातें
यूँ छुप-छुप ना मिलिए

तू आना घर मेरे
दुल्हन बन तेरी
मैं आऊँ घर तेरे

जन्मों का फेरा है
जीवनसाथी हम
यह वादा मेरा है

तेरी इन बातों पे
मैं विश्वास करूँ 
तू आजा घोड़ी से

***अनुराधा चौहान***
चित्र गूगल से साभार

Friday, January 24, 2020

समय (दोहे)

🌸
थोड़ा समय गुजारिए, मात-पिता के संग।
जीवन में भरते सदा,खुशियों के वे रंग।
🌸
विपदा हो चाहें बुरी,समय चाहें खराब।
मन का आपा भूल के,पीना नहीं शराब।
🌸
जीवन से मत हारना,रख खुद पे विश्वास।
मिलता सब कुछ समय से,दिल में रखना आस।
🌸
पल-पल बीते हैं समय, बीते जीवन शाम।
पूरे करना है अभी,कई अधूरे काम।
🌸
कहना सबका मान लो,समय बड़ा अनमोल।
खोकर ये लौटे नहीं,ये हैं बुजुर्ग बोल।
***अनुराधा चौहान***
चित्र गूगल से साभार

Wednesday, January 15, 2020

कला

1
कला कभी छुपती नहीं,बस चाहे आधार।
मन भीतर आशा जगी,मिल जाता विस्तार।
2
चाहे कितना भी दबा,फिर भी जागे आस।
मन के कोने में दबी,कलाकार की प्यास।
3
ऊपर वाले की कला,धरती अंबर गोल।
सागर की लहरें कहें,नदिया जल अनमोल
4
कोयल मीठा बोलती,कागा काल समान।
कलम कोश की कामना,कलमकार का मान।
***अनुराधा चौहान***

माँ जैसा कोई नहीं (दोहे)

माँ जैसा कोई नहीं,माँ की छमता जान।
देना उसे न दुख कभी, उसकी ममता मान।
🌸
माता सुख की छाँव सी,लेती दुख को ओढ़।
माँ जैसा कोई नहीं,समझो न उसे कोढ़।
🌸
आँखों में आँसू दिए,दिल पर करते वार।
माँ जैसा कोई नहीं,हँसकर सहती हार।।
🌸
बेटा चाहें हो बुरा,करती सुख की चाह।
माँ जैसा कोई नहीं,कभी न रखती डाह।।
🌸
माता ममता दे सदा,माता को पहचान।
माँ जैसा कोई नहीं,माँ की ममता  मान।।

***अनुराधा चौहान***

रामबाण औषधि(दोहे) -2

  11-आँवला गुणकारी है आँवला,रच मुरब्बा अचार। बीमारी फटके नहीं,करलो इससे प्यार॥ 12-हल्दी पीड़ा हरती यह सभी,रोके बहता रक्त। हल्दी बिन पूजा नही...