Thursday, January 7, 2021

विद्या बिन जीवन कोरा


 विद्या बिन जीवन है कोरा,
भरलो अपना ज्ञान कटोरा।
विद्या जीवन की सुखदाता,
धन वैभव सब घर में आता।

मूढ़ मनुज की एक कहानी,
जग को समझे वो अज्ञानी।
बात बात पे कलह मचाता,
सच समझ न उसको आता।

विद्या खोले मन दरवाजे,
मात शारदे हृदय विराजे।
ज्ञान पिपासा अंतस जगती,
जीवन यात्रा सुंदर लगती।

विद्या जीवन की हितकारी,
महिमा इसकी मंगलकारी।
शुद्ध आचरण मन में आते,
बैर भाव मन से मिट जाते।

अँधियारा जीवन से जाता।
ज्ञान उजाला मन में छाता।
राह सत्य की सुंदर दिखती।
विद्या जीवन में सुख लिखती॥
©® अनुराधा चौहान'सुधी'स्वरचित
चित्र गूगल से साभार

प्रेम की शक्ति


प्रेम बिना जीवन है सूना,
प्रेम बढ़ाता है सुख दूना।
प्रेम मिटाता मन की दूरी,
होती सबकी आशा पूरी।

प्रेम देख दुश्मन झुक जाए,
हाथ बढ़ाकर साथ निभाए।
करलो प्रभु की भक्ति प्रेम से ,
बड़ी नहीं है शक्ति प्रेम से ।

अपनों से जब नेह लगाए,
जीवन का सच्चा सुख पाए।
प्रेम बिना हर बात अधूरी,
रिश्तों में बढ़ जाती दूरी।

द्वेष हटाकर मन से सारे,
बनकर रहना सबके प्यारे।
आओ सबसे हाथ मिलाएँ,
सबको अपना मित्र बनाएँ।

प्रेम भरी जो बोले वाणी।
उसको चाहें हर इक प्राणी।
सबके मन में रच-बस जाता।
प्रेम मंत्र से आदर पाता॥

©® अनुराधा चौहान'सुधी'स्वरचित*
चित्र गूगल से साभार

Monday, January 4, 2021

रानी दुर्गावती

कालिंजर की राजकुमारी 
दुर्गा नाम बड़ा विख्यात।
राजा दलपत की बन रानी 
खुशियों से करती थी बात॥

संकट जब शासन पे आया
रानी रण में कूदी आय।
आशफ खान डरा तब थर थर
काली का ली रूप बनाय।
देख हुए हतप्रभ जन सारे
विद्युत गति से करती घात॥
कालिंजर की राजकुमारी...

देख अकेली अबला नारी 
खेल रहा था अकबर दाँव।
चाल पड़ी दुश्मन पे भारी
शीश गिरा करती थी घाव।
मुख मंडल पे तेज लिए वो
देती थी मुगलों को मात॥
कालिंजर की राजकुमारी...

अद्भुत रणकौशल जब देखा
अकबर अचरज में पड़ जाय।
कैसी अद्भुत नार नवेली
दो दो हाथों खड्ग चलाय।
भूल हुई मुगलों से भारी
समझी कोमल नारी जात॥
कालिंजर की राजकुमारी...

दुर्गा रूप लिए रण उतरी
मुगलों का करती संहार।
नाम अमर सदियों से गूँजे
होती जग में जय-जयकार।
शीश झुकाते भारतवासी
जग में होती इनकी बात॥
कालिंजर की राजकुमारी....
©®अनुराधा चौहान'सुधी'स्वरचित 
चित्र गूगल से साभार

रामबाण औषधि(दोहे) -2

  11-आँवला गुणकारी है आँवला,रच मुरब्बा अचार। बीमारी फटके नहीं,करलो इससे प्यार॥ 12-हल्दी पीड़ा हरती यह सभी,रोके बहता रक्त। हल्दी बिन पूजा नही...