१-असगंध
सेवन से असगंध के,करो बुढ़ापा दूर।
क्षमता घटती रोग की, प्रतिरोधक भरपूर॥
२-मुलहठी
छाले मुख के दूर कर,हरती है यह पीर।
रोग मुलहठी से डरे,ठंडी है तासीर॥
३-ब्राह्मी
केशों का वरदान बन,ब्राह्मी आई पास।
रक्त वाहिनी साफ कर, सबको आती रास॥
४-अशोक
नारी की हर पीर को,हरे वृक्ष अशोक।
मासिक पीड़ा भी मिटे, रखे झुर्रियाँ रोक॥
५-नीम
गुणकारी इस नीम से,रखो सदा ही नेह।
कील मुहाँसे भी मिटे,दूर करे मधुमेह॥
६-सहजन
फूल बीज पत्ते सहित,रहे गुणों से चूर।
कैंसर गठिया रोकने, सहजन गुण भरपूर।
७-तुलसी
"तुलसी की महिमा बढ़ी,घटे रोग दिन रात।
सर्दी खाँसी वात पर,करती जमकर घात॥
८-भृंगराज
केशों का झड़ना रुके,भृंगराज हो तेल।
गुर्दे भी मजबूत हो, कर लो इससे मेल॥
९-गिलोए
रोग गिलोए से डरें,गुण इसके अनमोल।
कड़वी जड़ी निचोड़कर,अमृत सभी लो तोल॥
१०-शतावरी
जीव पले जब गर्भ में,ले थोड़ा सा अंश।
है वरदान शतावरी,बढ़ता इससे वंश॥
*अनुराधा चौहान'सुधी'स्वरचित ✍️*