Monday, February 28, 2022

शिव विवाह

 

गौरा जी से ब्याह रचाने

आज चले हैं शिव भोला।

भूत प्रेत सब बने बराती

गले सर्प विषधर डोला।


सजा भस्म आसन पर बैठे

शंकर शंभू कैलाशी।

तीन लोक के पालनहारी

अजर अमर अविनाशी।

 गंग शीश पर सदा विराजे

तन पर मृगछाला चोला।

गौरा जी से ब्याह....


शिवा शक्ति के महामिलन की

मंगल बेला फिर आई।

बंजर भू पर पुष्प खिले तब

ऋतु बहके ले तरुणाई।

पुरवा गाए गीत सुहाने

डमड डमड डमरू बोला।

गौरा जी से ब्याह....


महक उठी हैं दसों दिशाएं

देव सभी हैं हर्षाते।

शिव गौरा की अद्भुत छवि पर

पुष्प हर्ष के बरसाते।

नंदी भृंगी नृत्य करत हैं

घोंट भाँग का फिर गोला।

गौरा जी से ब्याह...

अनुराधा चौहान'सुधी'स्वरचित

चित्र गूगल से साभार


Monday, February 14, 2022

आई उजली भोर


 काली कोयल कूकती,अमराई की डाल।
खिलते हैं अब वाटिका, पुष्प गुलाबी लाल।

फूली सरसों खेत में,खुशियों की ले आस।
नव पल्लव तरुवर खिले, महक उठा मधुमास।

धूप गुनगुनी सी हुई, जाड़ा भी कमजोर।
छुपता कोने कोहरा, गर्माती अब भोर।

रंग-बिरंगे रंग से,वसुधा का शृंगार।
वन उपवन ऐसे लगें, बरस रहा हो प्यार।

सौरभ ले पुरवा बहे, थाम प्रीत की डोर।
आनंदित हर मन हुआ, आई उजली भोर।

©® अनुराधा चौहान'सुधी'स्वरचित

Tuesday, February 8, 2022

महक बसंती

 

महक बसंती वन-वन घूमे।

डाल-डाल पर कलियाँ झूमे।

वन उपवन में यौवन छाया।

ऋतुओं का राजा मुस्काया।


कोयल मीठे राग सुनाती।

अमराई पर बैठ सिहाती।

पीली पीली सरसों फूली।

लिए बालियाँ झूला झूली।


नव पल्लव शाखों पर झूमे।

मधुकर गुनगुन गाते घूमे।

कली चटककर जब मुस्काई।

सौरभ ले बहती पुरवाई।


वसुधा का शृंगार निराला।

झूम रहा यौवन मतवाला।

महके महुआ झूमे डाली।

ऋतु आई देखो मतवाली।


बौर लिए फिर अमुवा महके।

देख खुशी से हर मन चहके।

ऋतुओं का राजा घर आया।

द्वार खड़ा फागुन बौराया।

©® अनुराधा चौहान'सुधी'स्वरचित

चित्र गूगल से साभार






माँ वीणा वरदायनी


 करते हैं वंदन सभी,रखो शीश पर हाथ।
माँ वीणा वरदायनी,रहो हमारे साथ।

घोर अँधेरा बैर का,डरती मन में प्रीति।
आकर उजियारा करो,बदले जग की रीति

जीवन में बजते रहें,मन वीणा के तार।
देना वर माँ शारदे,मिट जाए तम भार।

विद्या का वरदान दो,बढ़े ज्ञान दिन रात।
कंटक पथ के दूर हों,कृपा करो है मात।

शुभदा भामा भारती,माता के स्वरूप।
विश्वा विमला सावित्री,पद्माक्षी शुभ रूप।
©®अनुराधा चौहान'सुधी'स्वरचित
चित्र गूगल से साभार

रामबाण औषधि(दोहे) -2

  11-आँवला गुणकारी है आँवला,रच मुरब्बा अचार। बीमारी फटके नहीं,करलो इससे प्यार॥ 12-हल्दी पीड़ा हरती यह सभी,रोके बहता रक्त। हल्दी बिन पूजा नही...