Saturday, September 5, 2020

नींव भविष्य की

शिक्षक रखे नींव भविष्य की
देकर सदा सीख हमें सच्ची
कर्म पथ से विमुख न होना
विपत्ती से डरकर मत रोना
ठोकर से गिरे तो उठ जाओगे
नज़रों से गिरे तो न उठ पाओगे
सच्चाई के मार्ग बढ़ते जाना
कठिनाइयों से डर मत जाना
तुम अपने भविष्य के रक्षक
यही सीख देते हमें शिक्षक 
करते अज्ञान का अंधेरा दूर
आशीष सदा हो जग मशहूर
जीवन जियो चुनौतियों के साथ
मेहनत का चल थामकर हाथ
***अनुराधा चौहान***
चित्र गूगल से साभार

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हरी दरस का मन अनुरागी। फिरता मंदिर बन वैरागी॥ हरी नाम की माला फेरे। हर लो अवगुण प्रभु तुम मेरे॥ देख झूठ की बढ़ती माया। चाहे मन बस तेरी छाया॥...