Thursday, May 18, 2023

रामबाण औषधि(दोहे) -2

 


11-आँवला

गुणकारी है आँवला,रच मुरब्बा अचार।

बीमारी फटके नहीं,करलो इससे प्यार॥


12-हल्दी

पीड़ा हरती यह सभी,रोके बहता रक्त।

हल्दी बिन पूजा नहीं, कहते हैं सब भक्त॥


13-सदाबहार

काढ़ा सदाबहार का,करो बनाकर पान,

रोगी को मधुमेह के,फूल पात वरदान॥


14-अडूसा

दंत मसूड़े रोग में,करले दातुन मान।

पीर अडूसा से मिटे,बात अभी लो जान॥


15-करीपत्ता

दूर करीपत्ता करे,तन से कई विकार।

केशों का उपचार कर,करता यह उपकार॥


16-दूधिया घास

प्रातः दूधिया घास लें,मिट जाए अतिसार।

सेवन से नकसीर की,रुक जाएगी धार॥


17-दूब

दूब जड़ी अनमोल है,कर इसका उपयोग।

मोटापे को दूर कर,रोके अनगित रोग॥


18-महुआ

महुआ महके पेड़ पर,लेकर गुण भरपूर।

दंत रक्त हर रोग को,करता जड़ से दूर॥


19-पीपल

पीपल पत्ते पीसकर,चूर्ण रखलो पास।

रोग अनेकों मारता,करलो यह विश्वास।


20-घृतकुमारी

घृतकुमारी जहाँ मिले,ले आओ निज धाम।

बूटी यह अनमोल है,आती तन के काम॥


21-लाजवंती


देख लजीली बेल को, हर्षित सब नर नार।

देह विकारों को हरे,करके यह उपचार॥


22-करेला


देख करेला बेल पर,आज पकाओ तोड़।

रोग अनेकों भागते, इससे मुख मत मोड़॥


23-अमरूद


सबके मन को भा रहा,डाल पका अमरूद।

सर्दी खाँसी की दवा,तोड़ो इसको कूद॥


24-जामुन


गुठली का मधुमेह में, करना सब उपयोग।

जामुन गठिया ठीक कर,रोके अनगित रोग॥


25-इमली

इमली की चटनी बना,कर इसका उपयोग।

सेवन से इसके घटे, मोटापे का रोग।


26-अर्जुन

गुणकारी है जान लो,यह अर्जुन की छाल।

हृदय रोग इससे घटे,पी लो नित्य उबाल॥


27-बहेड़ा


आमाशय के रोग को,करे बहेड़ा दूर।

रख इसको चूरन बना,गुण इसमें भरपूर॥


28-हर्रे 

छोटी सी है यह जड़ी,हर्रे इसका नाम।

वायु जनित हर रोग का,करती काम तमाम॥


29-मेथी

वात पित्त कफ का करें,मेथी से उपचार।

दाने से बादी घटे,घटता तन का भार॥


30-सिन्दुआर/ निर्गुण्डी

औषधीय गुण से भरी,निर्गुण्डी है नाम।

जोड़ो की हर पीर का, करती काम तमाम॥



31-बैर


रोग सभी मस्तिष्क के, करता है यह दूर।

सूखा हो या फिर पका, गुण इसमें भरपूर॥


32-सेमल


सेमल गुणकारी जड़ी, आती तन के काम।

पीड़ा में काढ़ा पियो,देगा यह आराम॥


33-पत्थरचूर


पत्ते पत्थरचूर के,लगा त्वचा पर पीस।

घावों की क्षण में हरे,लेपन से यह टीस॥


34-बांस


मासिक पीड़ा में बड़ा, उपयोगी है बांस।

कोंपल का काढ़ा बना, क्यों रोता है खांस॥


35-पलाश


पीसो बीज पलाश के,लेप लगाओ आज।

त्वचा रोग जड़ से मिटे,मिट जाएगी खाज॥


36-सरसों


पीड़ा सिर में जब कभी,हो कितनी गंभीर।

सरसों सेवन से सभी, मिटती तन की पीर॥


37-कुजरी


आँतों के कृमि मारकर, करती पीड़ा दूर।

शांत करे यह पीलिया,कुजरी गुण भरपूर॥


38-चाकोड

वात पित्त कफ में सदा, उपयोगी चाकोड़।

काढ़े से कुल्ला करो,कृमि जाएंगे छोड़॥


39-दालचीनी


चाय दालचीनी बना,पीना उठते भोर।

मोटापा तन से मिटे, मिटे वायु का जोर॥


40-अनार


सौ रोगों की यह दवा,गुण का यह भंडार।

सेवन कर हर रूप में,जादू भरा अनार॥


41-कुल्थी

करना कुल्थी दाल का, तुम सेवन भरपूर।

पथरी,मोटापा घटे,मधुमेह रखे दूर॥


42-अरण्डी/एरण्ड 

गठिया,खाँसी,कब्ज की,पीर नहीं अब झेल।

केशों को सुंदर रखे,उपयोगी यह तेल॥


43-चिरचिटा

अद्भुत है यह चिरचिटा, काढ़ा पियो उबाल।

सर्दी-खाँसी,कब्ज कफ,रोगों का यह काल॥


44-बबूल

दातुन तोड़ बबूल की,करना नित्य प्रयोग।

दंत विकारों को हरे,मिटे त्वचा के रोग॥


45-कटहल

कटहल की सब्जी बना,सेवन कर भरपूर।

प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा, रोग रखे यह दूर॥


46-जीरा

जीरा गुणकारी बड़ा,पियो नित्य उबाल।

पेट विकारों का बने,पीते ही यह काल॥


47-अदरख

सुबह-सवेरे चाय में,अदरख जमकर डाल।

वात पित्त कफ रोग में,करती बड़ा कमाल॥


48-हींग

पी लो पेट विकार में, उठकर पहले भोर।

गुणकारी इस हींग से,स्वाद बढ़े पुरजोर॥


49-अजवायन

चूरन या काढ़ा बना,लो अजवायन रोज।

पाचन की उत्तम दवा, और कहीं मत खोज॥


50-शहद

सुबह-सवेरे शहद लो,गुनगुन जल के साथ।

मुख की सुंदरता बढ़े,दवा रखो यह हाथ॥


*अनुराधा चौहान'सुधी'स्वरचित*

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