Friday, April 28, 2023

रामबाण औषधि (दोहे)-1



१-असगंध
सेवन से असगंध के,करो बुढ़ापा दूर।
क्षमता घटती रोग की, प्रतिरोधक भरपूर॥

२-मुलहठी

छाले मुख के दूर कर,हरती है यह पीर।
रोग मुलहठी से डरे,ठंडी है तासीर॥

३-ब्राह्मी

केशों का वरदान बन,ब्राह्मी आई पास।
रक्त वाहिनी साफ कर, सबको आती रास॥

४-अशोक 
नारी की हर पीर को,हरे वृक्ष अशोक।
मासिक पीड़ा भी मिटे, रखे झुर्रियाँ रोक॥

५-नीम

गुणकारी इस नीम से,रखो सदा ही नेह।
कील मुहाँसे भी मिटे,दूर करे मधुमेह॥

६-सहजन

फूल बीज पत्ते सहित,रहे गुणों से चूर।
कैंसर गठिया रोकने, सहजन गुण भरपूर।

७-तुलसी

"तुलसी की महिमा बढ़ी,घटे रोग दिन रात।
सर्दी खाँसी वात पर,करती जमकर घात॥

८-भृंगराज

केशों का झड़ना रुके,भृंगराज हो तेल।
गुर्दे भी मजबूत हो, कर लो इससे मेल॥

९-गिलोए

रोग गिलोए से डरें,गुण इसके अनमोल।
कड़वी जड़ी निचोड़कर,अमृत सभी लो तोल॥

१०-शतावरी
जीव पले जब गर्भ में,ले थोड़ा सा अंश।
है वरदान शतावरी,बढ़ता इससे वंश॥

*अनुराधा चौहान'सुधी'स्वरचित ✍️*

नहीं सत्य का कोई अनुरागी

हरी दरस का मन अनुरागी। फिरता मंदिर बन वैरागी॥ हरी नाम की माला फेरे। हर लो अवगुण प्रभु तुम मेरे॥ देख झूठ की बढ़ती माया। चाहे मन बस तेरी छाया॥...