Wednesday, January 15, 2020

माँ जैसा कोई नहीं (दोहे)

माँ जैसा कोई नहीं,माँ की छमता जान।
देना उसे न दुख कभी, उसकी ममता मान।
🌸
माता सुख की छाँव सी,लेती दुख को ओढ़।
माँ जैसा कोई नहीं,समझो न उसे कोढ़।
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आँखों में आँसू दिए,दिल पर करते वार।
माँ जैसा कोई नहीं,हँसकर सहती हार।।
🌸
बेटा चाहें हो बुरा,करती सुख की चाह।
माँ जैसा कोई नहीं,कभी न रखती डाह।।
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माता ममता दे सदा,माता को पहचान।
माँ जैसा कोई नहीं,माँ की ममता  मान।।

***अनुराधा चौहान***

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