Sunday, November 10, 2019

दूरियाँ

बढ़ रही दूरी हमारे बीच में।
तुम्हें रूठना मनाना चाहिए।।

प्रीत में खुद को मिटाकर देखते।
बेवफा हो तुम जताना चाहिए।।

काश महक लौट आए रिश्तों की ।
हमें तो बस दौर पुराना चाहिए।।
***अनुराधा चौहान***

चित्र गूगल से साभार

No comments:

Post a Comment

रामबाण औषधि(दोहे) -2

  11-आँवला गुणकारी है आँवला,रच मुरब्बा अचार। बीमारी फटके नहीं,करलो इससे प्यार॥ 12-हल्दी पीड़ा हरती यह सभी,रोके बहता रक्त। हल्दी बिन पूजा नही...