Friday, January 24, 2020

समय (दोहे)

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थोड़ा समय गुजारिए, मात-पिता के संग।
जीवन में भरते सदा,खुशियों के वे रंग।
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विपदा हो चाहें बुरी,समय चाहें खराब।
मन का आपा भूल के,पीना नहीं शराब।
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जीवन से मत हारना,रख खुद पे विश्वास।
मिलता सब कुछ समय से,दिल में रखना आस।
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पल-पल बीते हैं समय, बीते जीवन शाम।
पूरे करना है अभी,कई अधूरे काम।
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कहना सबका मान लो,समय बड़ा अनमोल।
खोकर ये लौटे नहीं,ये हैं बुजुर्ग बोल।
***अनुराधा चौहान***
चित्र गूगल से साभार

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