Monday, June 1, 2020

पानी बिन जीवन नहीं (दोहे)

1
बूँद बूँद है कीमती,जल की कीमत जान।
पानी बिन जीवन नहीं,सच को ले पहचान।
2
भीषण गर्मी से तपे, सभी दिवस बन जून।
जीवन की किलकारियाँ,बिन पानी सब सून।
3
धरती का सीना फटा,सूखी जल की धार।
आँखें अम्बर पे टिकी,जल जीवन का सार।
4
संचय करना जल सभी,जीवन हो खुशहाल।
धरती से जो जल मिटा,सिर नाचेगा काल।
5
हरी-भरी हो ये धरा,शपथ उठाए आज।
नीर बचाने के लिए, उत्तम करना काज।

***अनुराधा चौहान'सुधी'***
चित्र गूगल से साभार

10 comments:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (03-06-2020) को   "ज़िन्दगी के पॉज बटन को प्ले में बदल दिया"  (चर्चा अंक-3721)    पर भी होगी। 
    --
    -- 
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। 
    --   
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।  
    --
    सादर...! 
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 

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    1. हार्दिक आभार आदरणीय

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  2. बहुत अच्छी जानकारी देती रचना
    काश हम सब समय रहते उस अमूल्य धन को बचा ले
    सार्थक, उपयोगी और अच्छी रचना

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    1. हार्दिक आभार जोया जी

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  3. बेहतरीन दोहे आदरणीय दी 👌

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  4. वाह वाह पर्यावरण को समर्पित दोहे|

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  5. सार्थक जानकारी देती रचना
    बहुत खूब

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