Saturday, October 24, 2020

जय मात भवानी


 ऊँचा सजा भवन,जय माँ अंबे।
ज्योत जले अखंड,जय जगदंबे।

पूरन काम करें,मात भवानी।
घर भंडार भरे,ज्योत सुहानी।

कष्ट निवारे माँ,मंदिर बसती।
खुशियाँ की बारिश,माता हँसती।

पुष्प खिले आँगन,आशीष मिले।
आशा का दीपक,हर द्वार जले।

टूट रहीं साँसें, भक्त पुकारे।
नवरात्री आँगन,बसो हमारे।

सुख की है छाया,आँचल तेरे।
मूरत हो तेरी,बस मन मेरे।

जीवन ज्योत जले,तेरी माया।
नवरूपा अंबे,शुभ दिन आया।

घनघोर अँधेरा, दूर हटेगा।
बंजर यह जीवन, फूल खिलेगा।

***अनुराधा चौहान'सुधी'***
चित्र गूगल से साभार

6 comments:

  1. बहुत सुन्दर।
    विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।

    ReplyDelete
    Replies
    1. हार्दिक आभार आदरणीय, आपको भी हार्दिक शुभकामनाएं

      Delete
  2. विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ अनुराधा जी,आपने बहुत सुंदर पंक्त‍ियां ल‍िखींं मां का आव्हान करते हुए...क‍ि
    टूट रहीं साँसें,मात पुकारे।
    नवरात्री आँगन,बसो हमारे।

    ReplyDelete
    Replies
    1. हार्दिक आभार आदरणीया, आपको भी हार्दिक शुभकामनाएं

      Delete
  3. बहुत सुंदर!
    विजयदशमी की अशेष शुभकामनाएँ

    ReplyDelete
    Replies
    1. हार्दिक आभार आदरणीय, आपको भी हार्दिक शुभकामनाएं

      Delete

रामबाण औषधि(दोहे) -2

  11-आँवला गुणकारी है आँवला,रच मुरब्बा अचार। बीमारी फटके नहीं,करलो इससे प्यार॥ 12-हल्दी पीड़ा हरती यह सभी,रोके बहता रक्त। हल्दी बिन पूजा नही...