विद्या बिन जीवन है कोरा,
भरलो अपना ज्ञान कटोरा।
विद्या जीवन की सुखदाता,
धन वैभव सब घर में आता।
मूढ़ मनुज की एक कहानी,
जग को समझे वो अज्ञानी।
बात बात पे कलह मचाता,
सच समझ न उसको आता।
विद्या खोले मन दरवाजे,
मात शारदे हृदय विराजे।
ज्ञान पिपासा अंतस जगती,
जीवन यात्रा सुंदर लगती।
विद्या जीवन की हितकारी,
महिमा इसकी मंगलकारी।
शुद्ध आचरण मन में आते,
बैर भाव मन से मिट जाते।
अँधियारा जीवन से जाता।
ज्ञान उजाला मन में छाता।
राह सत्य की सुंदर दिखती।
विद्या जीवन में सुख लिखती॥
©® अनुराधा चौहान'सुधी'स्वरचित
चित्र गूगल से साभार


