नवमी तिथि थी मधुमास की,प्रभु प्रकटे शुभ काल में।
गुरुवर को तब दिखने लगे,हरि दशरथ के लाल में।
कौशल्या माँ की गोद में,किलके नन्हे राम जब।
दशरथ भी आनंदित हुए,सुनकर प्रभु का नाम तब।
पावन बेला मधुमास के,खुशियाँ मिली अपार हैं।
सुंदर छवि श्री राम की, हर्षित सब नर नार हैं।
कौशल्या हर्षित हो रही,घर जन्मे कुलदीप से।
कौशल पुर ऐसे झूमता, पाया मोती सीप से।
रानी कौशल्या कैकयी,मुख देखें बस लाल को।
नयनों से ममता बह रही,निरखत सुंदर भाल को।
संकट सबके हर के प्रभु,करते भव से पार हैं।
रघुकुल के राजा राम ही,जीवन का आधार हैं।
दशरथ नंदन श्री राम को,पूजे सब संसार है।
इनकी लीला से ही हुआ, दुष्टों का संघार है।
कंटक पथ पे वनवास के ,चलते रघुवर जानकी।
लंकापति का जीवन मिटा,रक्षा की अभिमान की।
मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभू,महिमा अपरम्पार है।
आदर्श सदा ही राम से,सीखे सब संसार है।
©®*अनुराधा चौहान'सुधी'*
चित्र गूगल से साभार
बहुत सुन्दर।
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श्री राम नवमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।
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मित्रों पिछले तीन दिनों से मेरी तबियत ठीक नहीं है।
खुुद को कमरे में कैद कर रखा है।
हार्दिक आभार आदरणीय।
Deleteईश्वर की कृपा से आप शीघ्र ही स्वस्थ हों 🙏
राम जन्म कथा और राम स्तुति बहुत सुन्दर ...
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