तुम जा तो रहे हो मगर सुन लो,
याद बहुत हम आयेंगे।
तुम खुश होकर रात गुजारोगे,
भूल नहीं हम पाएंगे।
तन्हा अब यह रातें कटती नहीं,
भोर खुलकर हँसती नहीं।
चुपचाप गुजरते दिन पल-पल,
साँझ भी चुपके से ढले।
चाहें बातें लाख भुला दो तुम,
फिर भी याद हम आएंगे।
तुम जा तो रहे हो मगर सुन लो,
याद बहुत हम आयेंगे।
तुम खुश होकर रात गुजारोगे,
भूल हम नहीं पाएंगे।
बिखर रहे हैं शबनम के मोती,
आँसू बनकर कलियों के।
चुभती हैं अब दिल पे काँटें सी,
फांँसे गुजरी रातों की।
लौट के अब तुम कुछ न पाओगे,
हम आगे बढ़ जाएंगे।
तुम जा तो रहे हो मगर सुन लो,
याद बहुत हम आयेंगे।
तुम खुश होकर रात गुजारोगे,
तुमको न भूल पाएंगे।।
***अनुराधा चौहान***
चित्र गूगल से साभार
बहुत अच्छी प्रस्तुति
ReplyDeleteहार्दिक आभार सखी
Deleteअति सुन्दर आदरणीया
ReplyDeleteहार्दिक आभार
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