सच रहे सदा साथ,
झूठ का हो उपवास,
ऐसी धारणा के संग,
कदम बढ़ाइए।।
बुराई की राह छोड़,
कुरीति के बंध तोड़,
जगत की भलाई की,
आवाज उठाइए।।
बैर मन से दूर हो,
क्रौध का उपवास हो,
प्रीत और विश्वास की,
एकता दिखाइए।।
वास्तविकता को देख,
मिटे नहीं भाग्य लेख,
प्रभू की मर्जी के आगे,
शीश को झुकाइए।।
***अनुराधा चौहान***
चित्र गूगल से साभार
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