Sunday, November 10, 2019

भावों की अभिव्यक्ति

प्रीत के सुनहरे धागों में
पिरोए भावों के सुंदर मोती
एहसासों के रंग से रंग कर
माला गुंथी मैंने अलबेली

सच्चाई के मजबूत धागे
अहसासों से इसको बांधे
मन के भाव इसके मोती
वाणी हैे इसकी ज्योती

ज्ञान का अद्भुत भंडार
शब्दों का यह सुंदर संसार
शब्दों से ही रचा-बसा है
भावों का अनुपम प्यार

साहित्य का यह वरदान
कविताएं है इसकी शान
सुंदर भावों से सजा रहे
चमकें सदा सूरज बनके 

दिन बीते बरस बीतते रहे
कारवां यूँ हीं गुजरता रहे
मिलते रहें साथी नए हरदम
यह सफर यूं ही चलता रहे

मन से भावों का झरना बहे
नित नया गीत बनता रहे
मन भावों की अभिव्यक्ति
दिन-प्रतिदिन खिलती रहे

कलम की सुगंध फैले चहुंओर
प्रीत का गीत बने यह डोर
मन के सुंदर भाव भर कर
लाई यह कविता लिख कर

डोर कभी यह टूटे ना
साथ कभी यह छूटे ना
बहुत मिला है ज्ञान यहांँ पर
साथी कोई यहाँ कोई रूठे ना

भावों के अनमोल विचार
भावनाओं का सागर अपार
शब्दों में रची-बसी इसकी दुनिया
साहित्य का यह अद्भुत संसार
***अनुराधा चौहान***
चित्र गूगल से साभार

No comments:

Post a Comment

नहीं सत्य का कोई अनुरागी

हरी दरस का मन अनुरागी। फिरता मंदिर बन वैरागी॥ हरी नाम की माला फेरे। हर लो अवगुण प्रभु तुम मेरे॥ देख झूठ की बढ़ती माया। चाहे मन बस तेरी छाया॥...