Sunday, November 10, 2019

प्रेम की परिभाषा

किस प्रेम की परिभाषा दूँ
प्रेम लिखने की वजह नहीं
रग-रग में बसी यह अनुभूति
कैसे शब्दों में बयां कर दूँ

प्रेयसी के दिल के भाव लिखूँ
या में लिख डालूँ माँ की ममता
करवाचौथ के व्रत में छुपा हुआ
सुहागिन का पति प्रेम लिखूँ

कठोरता का ओड़ आवरण
पिता के हृदय बसा प्रेम लिखूँ
कवि हृदय में बसा हुई
रचनाओं से उनकी  प्रीत लिखूँ

किस प्रेम की परिभाषा दूँ
प्रेम लिखने की वजह नहीं
रग-रग में बसी यह अनुभूति
कैसे शब्दों में बयां कर दूँ
***अनुराधा चौहान***

2 comments:

  1. सच प्यार दिल की अतल गहराइयों में रहता है जिसकी थाह आसान नहीं होती
    बहुत अच्छी रचना

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