मेरे अँगना में तुलसी मैया,
पधारो श्रीहरि तुम्हें निमंत्रण,
दुल्हन बनी हैं आज तुलसी मैया
मेरे अँगना में तुलसी मैया।।
सोलह श्रृंगार भेंट चढ़ाऊँ,
शालिग्राम से ब्याह कराऊँ,
देहरी पे दीप जलाऊँ तुलसी मैया,
मेरे अँगना में तुलसी मैया।।
नेह बरसता रहे सदा तेरा,
सुंदर सजाऊँ में तुलसी बिरवा,
रच-रच भोग लगाऊँ तुलसी मैया,
मेरे अँगना में तुलसी मैया।।
तुमसा हुआ न कोई सती,
दिवा कार्तिक एकादशी,
हो रहा श्रीहरि से विवाह तुलसी मैया,
मेरे अँगना में तुलसी मैया।।
***अनुराधा चौहान***
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