Friday, December 27, 2019

मुन्नी


मुन्नी पूछे मैया से,
तुम रोज बनाती भात।
मुझको पूड़ी हलवा दो,
देखो आए मेरे दाँत।

माँ सुनकर बातें हँसती,
मुन्नी का दर्द समझती।
चेहरे पर मुस्कान लिए,
आँखों में पानी भरती।

सुन ओ मेरी लाड़ली,
क्यों करती है आँखे नम।
मीठी खीर बनाऊँगी,
होने दे जरा ठंडी कम।

मैया की सुन बातें मीठी,
चेहरे पर मुस्कान खिली।
खुश होकर खिलखिलाई मुन्नी,
माँ के आँचल में झूल गई।
***अनुराधा चौहान***
चित्र गूगल से साभार

No comments:

Post a Comment

रामबाण औषधि(दोहे) -2

  11-आँवला गुणकारी है आँवला,रच मुरब्बा अचार। बीमारी फटके नहीं,करलो इससे प्यार॥ 12-हल्दी पीड़ा हरती यह सभी,रोके बहता रक्त। हल्दी बिन पूजा नही...