मुन्नी पूछे मैया से,
तुम रोज बनाती भात।
मुझको पूड़ी हलवा दो,
देखो आए मेरे दाँत।
माँ सुनकर बातें हँसती,
मुन्नी का दर्द समझती।
चेहरे पर मुस्कान लिए,
आँखों में पानी भरती।
सुन ओ मेरी लाड़ली,
क्यों करती है आँखे नम।
मीठी खीर बनाऊँगी,
होने दे जरा ठंडी कम।
मैया की सुन बातें मीठी,
चेहरे पर मुस्कान खिली।
खुश होकर खिलखिलाई मुन्नी,
माँ के आँचल में झूल गई।
***अनुराधा चौहान***
चित्र गूगल से साभार
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