शिव नीलकंठ शिव महाकाल,
त्रिनेत्र लाल शिव है विकराल।
लिपटाए बाघाम्बर अंग,
भूत गणादि चले संग संग।
शिव शंभू शंकर कैलाशी,
शिव शंभू जय जय अविनाशी।
भालचंद्र तन भस्म लपेटे,
नीलकंठ दें दुष्ट झपेटे।
छवि सुंदर है ललाट विशाल,
शिव नीलकंठ शिव महाकाल।।
कर त्रिशूल डम डमरू बाजे,
भोले शिव कैलाश विराजे।
गौरी निशदिन करती पूजा,
शिवशंकर-सा देव न दूजा।
शिव से शान्ति शिव ही भूचाल,
शिव नीलकंठ शिव महाकाल।
आदि अंत अनंत शिव शंकर,
शिव महाकाल शिव प्रलयंकर।
जय-जय जय जय शिव ओंकारा,
जटा धरी शीश गंग धारा।
दानव दल करें हाहाकार,
शिव नीलकंठ शिव महाकाल।।
***अनुराधा चौहान*** स्वरचित ✍️©️
चित्र गूगल से साभार
चित्र गूगल से साभार
महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं
ReplyDeleteआपको भी हार्दिक शुभकामनाएं
Deleteजय भोलेनाथ
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर रचना 👌
वाह बहुत सुन्दर स्तुति ऊँ नमः शिवाय
ReplyDeleteबहुत सुंदर शिव स्तुति
ReplyDeleteधन्यवाद जी
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