ममता का सागर है गहरा,
बच्चों पर रखती है पहरा।
संकट कोई पास न आता,
सबसे लड़ जाती है माता।१।
धीर,गंभीर,कोमल मन की
खुशियाँ देती वो बचपन की।
सच्चाई का पाठ पढ़ाती,
अच्छी बुरी बात बतलाती।२।
माँ के आगे झुकता माथा,
त्याग भरी यह सच्ची गाथा।
माँ सरिता सी बहती धारा,
डूबा जिसमें जीवन सारा।३।
आँखों में करुणा का सागर,
भरो ज्ञान से अपनी गागर।
माँ से कोई पार न पाता,
माँ भविष्य की है निर्माता।४।
माँ भविष्य की है निर्माता।४।
*अनुराधा चौहान स्वरचित ✍️*
चित्र गूगल से साभार
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