Thursday, July 9, 2020

धीरज


बलवान बना जब काल खड़ा,
तब धीरज से हर काम करें।
जब संकट से तन जूझ रहा,
हरि नाम जपो प्रभु पीर हरें।
बस अंतर में इक आस जगा,
मन के रिपु भी भयभीत मरें।
तम दूर हटे किरणें चमकें,
नव जीवन में नव प्राण भरें।
***अनुराधा चौहान'सुधी'***
चित्र गूगल से साभार

8 comments:

  1. आशा का संचार करती सुन्दर रचना।

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  2. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (११-०७-२०२०) को 'बुद्धिजीवी' (चर्चा अंक- ३५६९) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है
    --
    अनीता सैनी

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  3. सुंदर और सार्थक संदेश।

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    1. हार्दिक आभार श्वेता जी

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  4. सार्थक संदेश।

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    1. हार्दिक आभार आदरणीय

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  5. धैर्य और विश्वास पर सार्थक मुक्तक सखी।

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