Thursday, July 22, 2021

वीर

 


वाम सवैया के मंजरी, माधवी या मकरन्द अन्य नाम हैं। यह 24 वर्णों का छन्द है, जो सात जगणों और एक यगण के योग से बनता है। मत्तगयन्द के आदि में लघु वर्ण जोड़ने से यह छन्द बन जाता है। केशव और दारा ने इसका प्रयोग किया है। केशव ने मकरन्द, देव ने माधवी, दास ने मंजरी और भानु ने वाम नाम दिया है।

121 121 121 121, 121 121 121 122

धरा पर सैनिक वीर महान,

प्रहार करें अरि मार गिराते।

सदा दिन रात करे वह काम,

उमंग भरे फिर गीत सुनाते।

विशाल पहाड़ बने यह आज,

सहें चुपचाप प्रमाण दिखाते।

झुकाकर शीश अनेक प्रणाम,

सदैव सुवास प्रदीप जलाते।

धरा पर लाल तजे फिर प्राण,

बचाकर मान सदा दिखलाते।

मनोरथ एक रहे फिर पास,

विनाशक रूप दिखा डरवाते।

रहे फिर काँप सभी अरि देख,

अचूक उपाय सदा अपनाते।

सचेत रहें सबसे बलवान,

बने सब वीर यही बतलाते।

*अनुराधा चौहान'सुधी'*

चित्र गूगल से साभार

2 comments:

  1. बहुत सुंदर गेय सृजन।

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    1. हार्दिक आभार जिज्ञासा जी।

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