Friday, August 27, 2021
अंगद के वचन
Sunday, August 15, 2021
मेघनाद के तंज
मेरे ईश्वर रामेश्वर
Friday, August 13, 2021
रिश्तों का बंधन
रिश्तों का बंधन है न्यारा।
जीवन लगता सुंदर प्यारा।
इस बंधन से जो घबराए।
उसके मन को चैन न आए॥
प्रीत बढ़ाकर गले लगाओ।
सबको अपने साथ मिलाओ।
आना जाना खोना पाना।
जीवन का यह रोग पुराना॥
अपनों से अब यूँ मत झगड़ों।
सदा प्रेम के बंधन जकड़ो।
रिश्ते मन से नहीं भुलाना
जीवन का अनमोल खजाना ॥
बीज द्वेष के कभी न बोना।
पड़ता है जीवन में रोना।
रीत सदा ही उत्तम रखना।
प्रेम भरा मीठा फल चखना॥
सच्ची बातें जिसने मानी।
उसकी होती अमर कहानी।
कण्टक कोई पुष्प न खिलता।
तन मिट्टी का मिट्टी मिलता॥
*अनुराधा चौहान'सुधी'स्वरचित*
मात-पिता की सेवा
मात-पिता को शीश नवाना।
मनचाहा जीवन सुख पाना।
नहीं निरादर उनका करना।
स्नेह आशीष जीवन भरना॥
आदर का मन भाव जगाकर।
ममता का सिर आँचल पाकर।
सच्चे मन से कर लो सेवा।
सेवा से मिलती है मेवा॥
फिर होती अभिलाषा पूरी।
आलस से रखना बस दूरी।
जीवन में सम्मान मिलेगा।
आँगन सुख का पुष्प खिलेगा॥
करना मत इनको अनदेखा।
हाथ मिटे फिर सुख की रेखा।
रिश्तों में यह जीवन भरते।
खुशियों के घर मोती झरते॥
नींव प्रीत की पक्की होती।
बनके रहती माला मोती।
सुंदर यह संस्कृति हमारी।
सदा सिखाती जिम्मेदारी॥
©® अनुराधा चौहान'सुधी'स्वरचित ✍
चित्र गूगल से साभार
Sunday, August 1, 2021
गिरिजा छंद
श्रेष्ठ प्राकृतिक बिम्ब यह (दोहे)
1-अग्नि अग्नि जलाए पेट की,करे मनुज तब कर्म। अंत भस्म हो अग्नि में,मिट जाता तन चर्म॥ 2-जल बिन जल के जीवन नहीं,नर तड़पे यूँ मीन। जल उपयोगी मान...

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चल हट जा ना झूठे सुन तेरी बातें हम तुझसे ही रूठे यह झूठ बहाना है कर प्यारी बातें अब घर भी जाना है क्या बोलूँ मैं छलिए ...
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विद्या बिन जीवन है कोरा, भरलो अपना ज्ञान कटोरा। विद्या जीवन की सुखदाता, धन वैभव सब घर में आता। मूढ़ मनुज की एक कहानी, जग को समझे वो अज्ञानी...
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१-असगंध सेवन से असगंध के,करो बुढ़ापा दूर। क्षमता घटती रोग की, प्रतिरोधक भरपूर॥ २-मुलहठी छाले मुख के दूर कर,हरती है यह पीर। रोग मुलहठी से डरे...